भारत के पहले सूर्य मिशन आदित्य L-1 के मुख्य तथ्य New Facts

आदित्य L-1 भारत का पहला सूर्य मिशन

इस पोस्ट में हम आदित्य L-1 मिशन से जुड़े सभी तथ्यों को आपको आसान भाषा में बताएँगे। आदित्य L-1 भारत का पहला ऐसा सूर्य कार्येक्रम है, आदित्जोय यान को अंतरिक्ष में सूर्य और पृथ्वी के बीच स्थित लग्रांजी बिंदु एल -1 की कक्षा में स्थापित करने की योजना है , जो इसी कक्षा में रहकर सूर्य का सतत अध्ययन करेगा। एल -1 बिन्दु पृथ्वी से लगभग 1.5 मिलियन किमी दूर है। चन्द्रयान-3 की सफलता के बाद यह इसरो का दूसरा बड़ा अभियान है जिस पर पूरी दुनिया की नजर रहेगी। लॉन्च के लगभग 125 दिन बाद इसको पृथ्वी और सूरज के बीच स्थित L-1 कक्षा में इसको स्थापित किया जायेगा। अंतरिक्ष यान वैद्युत-चुम्बकीय और कण और चुंबकीय क्षेत्र संसूचकों का उपयोग करके फोटोस्फीयर, क्रोमोस्फीयर और सूर्य की सबसे बाहरी परतों (कोरोना) का निरीक्षण करने के लिए सात पेलोड ले जाएगा। इन पेलोड के बारे में हमने आगे बताया है ।

सूरज के अंदर अनेक प्रकार की गतिविधियाँ लगातार होती रहती हैं । हम अपनी आँखों से सूरज को जितना देख पाते हैं यह उससे बहुत अधिक विशाल और फैला हुआ है । इसमें अनेक प्रकार के विस्फोटक परिघटनाएं होती है, जो अंतरिक्ष के पर्यावरण में विभिन्न प्रकार के विक्षोभ का कारण बन सकती है, जिनके द्वारा अंतरिक्ष यानों, संचार यंत्रों और प्रणालीयों के प्रभावित होने की सम्भावना रहती है । इसलिए इनकी सुरक्षा के लिए पूर्व चेतावनी प्राप्त करना आवश्यक होता है । सूरज पर इस तरह की तापीय और चुम्भकीय परिघटनाएं तीर्व प्रकृति की होती हैं, और इनका अंतरिक्ष में उपकरण भेजकर ही सही और सटीक अध्ययन किया जा सकता है । इसरो द्वारा भेजा जा रहा आदित्य L-1 सूरज की इसी प्रकार की परिघटनाओं के बारे में अध्ययन करना है, ताकि सूर्य के ऊपरी और आंतरिक वातावरण में होने वाली घटनाओं का कारण, और ये पता लगाया जा सके की ये घटनाएँ कैसे घटती हैं ।

आदित्य L-1 की Launching Date :

आदित्य L-1 को 2 सितम्बर, 2023 को इसरो के सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र से सुबह 11 बजकर 50 मिनट पर लॉन्च किया गया इसको लॉन्च करने में PSLV-C57 रॉकेट का उपयोग किया गया । इसको आप हमारे यू-टयूब चैनल पर लाइव देख सकते हो जिसका लिंक निचे दिया जा रहा है

आदित्य L-1 की लॉन्च को लाइव देखने का लिंक : ksa science

इसको आप इसरो की वेबसाइट से भी लाइव देख सकते हो ।

आदित्य L-1 के उदेश्य-

आदित्य-एल1 मिशन के प्रमुख विज्ञान उद्देश्य हैं:

  • सूरज के ऊपरी वायुमंडलीय (क्रोमोस्फीयर और कोरोना) गतिकी का अध्ययन।
  • क्रोमोस्फेरिक और कोरोनल तापन (heating ), आंशिक रूप से आयनित प्लाज्मा की भौतिकी (physics), कोरोनल मास इजेक्शन की शुरुआत कैसे होती है , और फ्लेयर्स का अध्ययन करेगा ।
  • सूर्य से निकलने वाले कणों की गतिशीलता के अध्ययन के लिए डेटा इकठ्ठा करना ।
  • सौर कोरोना की भौतिकी और इसका ताप तंत्र (heating system ) का अध्ययन करेगा ।
  • कोरोनल और कोरोनल लूप प्लाज्मा का निदान (Diagnostics): तापमान (temperature ), वेग (velocity) और घनत्व (density)।
  • प्रभामंडलीय व्यापक उत्पेक्षण सी .एम.ई. का विकास, गतिशीलता और उत्पत्ति।
  • उन प्रक्रियाओं के क्रम की पहचान करें जो कई परतों (क्रोमोस्फीयर, बेस और विस्तारित कोरोना) में होती हैं जो अंततः सौर विस्फोट की घटनाओं की ओर ले जाती हैं।
  • कोरोना में चुंबकीय क्षेत्र टोपोलॉजी और चुंबकीय क्षेत्र माप करना।
  • सौर हवा की उत्पत्ति, संरचना और गतिशीलता का अध्ययन करेगा ।

आदित्य-एल1 के पेलोड मॉडय्यूल (Payload Modules)

इसके 7 पेलोड मॉडय्यूल हैं

  1. Module-1 Visible Emission Line Coronagraph(VELC)
  2. Module-2 Solar Ultraviolet Imaging Telescope (SUIT)
  3. Module-3 Solar Low Energy X-ray Spectrometer (SoLEXS)
  4. Module-4 High Energy L1 Orbiting X-ray Spectrometer (HEL1OS)
  5. Module-5 Aditya Solar wind Particle Experiment(ASPEX)
  6. Module-6 Plasma Analyser Package For Aditya (PAPA)
  7. Module-7 Advanced Tri-axial High Resolution Digital Magnetometers (ATHRDM)

नोट: पेलोड M-1 to M-4 सूर्ये को सीधे देखकर उसका अध्ययन करेंगे और पेलोड M5 to M7 बिंदु एल1 पर सूरज से आने वाले कणों और क्षेत्रों का अध्ययन करेंगें

आदित्य-एल-1 मिशन की विशेषता

  1. पहली बार निकट पराबैंगनी बैंड में स्थानिक रूप से विभेदित सौर डिस्क
  2. सौर डिस्क की निकटवर्ती सी .एम.ई. परिवर्तनशीलता तथा इस प्रकार से सतत प्रेक्षित न किये जा सकने वाले सी .एम.ई. के त्वरण तंत्र के बारे में जानकारी उपलब्ध कराना
  3. बहु दिशा प्रेक्षणों के उपयोग से सौर पवन का दिशा सम्बन्धी तथा उर्जा विषमदैशिकता का अध्ययन करना
  4. इष्टतम प्रेक्षणों तथा आंकड़ों की मात्रा हेतु सी .एम.ई. तथा सौर प्रज्वालों के संकुचन के लिए ऑनबोर्ड बोधगम्यता (Onboard susceptibility to narrowing of flames) का अध्ययन करना

Further Reading

  1. Chandrayaan-3: Complete Information for Competitive Exams
  2. Aditya-L1 Mission: Latest Updates, First Solar Mission of India 

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